Browse songs by

kaa.NTo.n pe chal ke ... kahii.n se maut ko laa_o

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


काँटों पे चल के पाँव के छालों से क्या गिला
माँगी थी खुद ही रात उजालों से क्या गिला

कहीं से मौत को लाओ के ग़म की रात कटे
मेरा ही सोग मनाओ के ग़म की रात कटे
कहीं से मौत को ...

करे न पीछा मेरा ज़िन्दगी को समझा दो -२
ये राह उसको भुला दो के ग़म की रात कटे
कहीं से मौत को ...

कहो बहारों से अब शाख़-ए-दिल न होगी हरी -२
ख़िज़ां के गीत सुनाओ के ग़म की रात कटे
कहीं से मौत को ...

न चारागर की ज़रूरत न कुछ दवा की है
दुआ को हाथ उठाओ के ग़म की रात कटे
कहीं से मौत को ...

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image