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tumase kahuu.N ik baat paro.n sii halkii\-halkii

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तुमसे कहूँ इक बात परों सी हल्की-हल्की
रात मेरी है छँव तुम्हारे ही आँचल की
हल्की-हल्की

(सोई गलियाँ बाँह पसारे आँखें मीचे ) २
मैं दुनिया से दूर घनी पलकों के नीचे
देखूँ चलते ख़्वाब लकीरों पर काजल की
तुमसे कहूँ ...

( धुंधली- धुंधली रैन मिलन का बिस्तर जैसे ) २
खुलता छुपता चाँद सेज के ऊपर जैसे
चलती फिरती खाट हवाओं पर बादल की
तुमसे कहूँ ...

( है भीगा सा जिस्म तुम्हारा इन हाथों में ) २
बाहर नींद भरा पंछी भीगी शाखों मे
और बरखा की बूंद बदन से ढल्की-ढल्की
तुमसे कहूँ ...

Comments/Credits:

			 % Contributor: Surma Bhopali
% Transliterator: Surma Bhopali
% Date: 26 Mar 2004
% Series: GEETanjali
% Credits: Urzung Khan
% Listen to the song rendered by Surma Bhopali at:
% http://www.geoahead.com/music/tumsekahuu.html
% generated using giitaayan
		     
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