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tan puujan ko taal hai ... saajan ke paas chalii sajanii

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तन पूजन को ताल है, मन पूजन को फूल
सजन मिलन को जा रही, सजनी सब दुख भूल

(साजन के पास चली सजनी
मिलन की रजनी आ गई
मिलन की रजनी आ गई)-२

(धन इंद्रधंउश तन सोहे
दर्पण में रूप मन मोहे)-२
नक शिक सिंगार संवारा, सभी नैनों को भा गई
मिलन की रजनी आ गई
(साजन के पास चली सजनी)-२

कहीं बजती मिलन बांसुरिया
(बिना पिया कहे जिया पिया पिया)-२
मेरे मन में रस की बदरिया आ बरसी, फिर चा गई
मिलन की रजनी आ गई
(साजन के पास चली सजनी)-२

(बन चितवं चंद्र चकोरी)-२
(तुम डालो किरं की डोरी)-२
मैं लपटों के पट पहने, अगं के रस में आ रही
मिलन की रजनी आ गई
साजन के पास चली सजनी
(मिलन की रजनी आ गई)-२
(साजन के पास चली सजनी)-४

Comments/Credits:

			 % Transliterator:Srinivas Ganti
% Date:6 August 2002
% Credits: V S Rawat
		     
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