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sun zaraa soNiye sun zaraa

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सुन ज़रा, सोणिये सुन ज़रा
आज ख़ामोशियों से आ रही है सदा
धड़कनें हैं दीवानी, दिल भी कुछ कह रहा है ||स्थायी||

बीते लम्हों के साये तो
बस यहीं थम गये हैं
याद मुझे आएँ तेरी बातें
पलकों की सुर्ख़ चादर पे अश्क भी जम गये हैं
तेरी आँखों से ना हटतीं आँखें
बेबसी का है आलम, क्या करूँ मैं बता
धड़कनें हैं दीवानी, दिल भी कुछ कह रहा है ||१||

चूम के अपने होंठों से
तेरे ग़म को चुरा लूँ
लाके तुझे दे दूँ ख़ुशियाँ सारी
अपनी हर बेक़रारी को
सीने में ही छुपा लूँ
मेरी चाहतें जाएँ तुझपे वारी
सहमे-सहमे लबों में, घुल गई है दुआ
धड़कनें हैं दीवानी, दिल भी कुछ कह रहा है ||२||

Comments/Credits:

			 % Contributor: Vinay P Jain
% Transliterator: Vinay P Jain
% Date: 15 Mar 2005
% Series: GEETanjali
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