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rahate the kabhii jinake dil me.n

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रहते थे कभी जिनके दिल में
हम जान से भी प्यारों की तरह
बैठे हैं उन्ही के कूचे में
हम आज गुनहगारों की तरह - २

दावा था जिन्हें हमदर्दी का
खुद आके न पूछा हाल कभी - २
महफ़िल में बुलाया है हम पे - २
हँसने को सितमगारों की तरह - २
रहते थे...

बरसों से सुलगते तन मन पर
अश्कों के तो छींटे दे ना सके - २
तपते हुए दिल के ज़ख्मों पर - २
बरसे भी तो अंगारों की तरह - २
रहते थे...

सौ रुप धरे जीने के लिये
बैठे हैं हज़ारों ज़हर पिये - २
ठोकर ना लगाना हम खुद हैं - २
गिरती हुई दीवारों की तरह - २
रहते थे...

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Arati Deo (arati@rice.edu)
		     
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