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raadhaa jii ke ku.nwar kanhaiyaa ho

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आ: ओ
( राधा जी के कुंवर कन्हैया हो
मेरी नइय का कौन खेवैया
र: हो तेरी नइया के राम खेवैया ) -२

आ: अच्छा बता दो चाँद गगन का
किस दुल्हन का टीका है
संझा ने सिंदूर उढ़ाया -२
फिर क्यूँ फीका फीका है
र: ओ
सदा सुहागन पूनम रानी
चाँद उसी का टीका है
जल दर्पन में देख के तुझको -२
चँदा फीका फीका है
आ: तारे चंदा के रास रचैया
मेरी नइय का कौन खेवैया
र: हो तेरी नइया के राम खेवैया

आ: अच्छा बता दो लहरें उठ कर
लहरों से क्यूँ टकरायें
किसको देख शराबी जैसी -२
उठ आयें गिर गिर जायें
र: ओ
एक चाँद तुम लाखों लहरों
आपस में लड़ती आयें
तुझे पकड़ने को लहरों के
कंधों पर चढ़ती जायें
आ: खेलूँ लहरों से त त थैया
मेरी नइय का कौन खेवैया
र: हो तेरी नइया के राम खेवैया
आ: राधा जी के कुंवर कन्हैया हो
मेरी नइय का कौन खेवैया
र: हो तेरी नइया के राम खेवैया

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