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phaagan kii rut aa_ii re

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सि : फागन की रुत आई रे ज़रा बाजे बाँसरी
बाल मोहन हरजाई रे नहीं बाजे बाँसरी
फागन की रुत ...

सोने की गागर में रंग बनाया
रूप की पिचकारी लाई रे ज़रा बाजे बाँसरी
फागन की रुत ...

जोबन पे जोबन है शोख़ी पे शोख़ी
नैनन में लाली आई रे ज़रा बाजे बाँसरी
फागन की रुत ...

अ : मेरा सन्देशा कोई उनसे कहना
फिर से तेरी याद आई रे ज़रा बाजे बाँसरी

सि : मेरे हुए आज मैं जिनकी हो ली
होली के दिन होली आई रे ज़रा बाजे बाँसरी
फागन की रुत ...

Comments/Credits:

			 % Credits: This lyrics were printed in Listeners' Bulletin Vol #30 under Geetanjali #20
% sent by V S Mishra, Baangarma_uu
		     
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