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pa.nchhii aur paradesii dono.n nahii.n kisii ke miit

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पंछी और परदेसी
पंछी और परदेसी दोनों नहीं किसी के मीत
पंछी और परदेसी ...

जैसे नैन से निकला आँसू फिर ना नैन समाए
वैसे ही परदेसी साजन जा कर लौट ना आए
बिरहा की रो रो के जाए सारी उमरिया बीत
पंछी और परदेसी ...

मन से आँसू आँख चुराएँ, आग लगाएँ और ना बुझाएँ
प्रेमी के नैनों में बस कर फिर ना नैन मिलाएँ
अपना बैरी आप बने वो करे जो इन से प्रीत
पंछी और परदेसी ...

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Urzung Khan, Nimish Pachapurkar
% Credits: Dhananjay Naniwadekar
% Date: 22 Mar 2003
% Series: Anilda Series #12
% generated using giitaayan
		     
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