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merii ulfat soyii hai yahaa.N

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मेरी उल्फ़त सोयी है यहाँ
सोने दो जगाना ना जगाना ना

दिल के अरमान मैं रखती हूँ चढ़ाने सो जा
रात भर ख़ाब तुझे आए सुहाने सो जा
हाथ का दीप से जो आ जाए (??) तो घबराना ना

ओ मज़ा लेके मेरे दिल को सताने वाले
ओ ज़माने मेरी मिट्टी को उड़ाने वाले
मुझको ठुकराया है तूने इसे ठुकराना ना

जाने वालो ज़रा आहिस्ता यहाँ से जाना
ये वो सुर्बत (?) है जहाँ सोये मेरा मस्तना
इसे कुछ कहके मेरे प्यार को तड़पाना न

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Arunabha S Roy
% Date: 7 Jul 2004
% Series: LATAnjali
% generated using giitaayan
		     
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