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merii tamannaa_o.n kii taqadiir tum sa.Nvaar do

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Pअर्त २:

मेरी तमन्नाओं की तक़दीर तुम सँवार दो
प्यासी है ज़िंदगी और मुझे प्यार दो

सारा गगन मण्डप है सारा जग बराती
मन के फेरे सच्चे सच्चे हैं हम साथी
लाज का ये घूँघट पट आज तो उतार दो
प्यासी है ज़िंदगी ...

धरती करवट बदले, बदले हर मौसम
प्रीत के पुजारी हैं बदलेंगे नहीं हम
पतझड़ सा जीवन है, प्यार की बहार दो
प्यासी है ज़िंदगी ...

(मेरी तमन्नाओं की तक़दीर तुम सँवार दो
प्यासी है ज़िंदगी तुम मुझे प्यार दो, तुम मुझे प्यार दो)-२

प्यार का अकाल पड़ा सारे ही जग में, सारे ही जग में
प्यार का अकाल पड़ा सारे ही जग में
धोके हैं हर दिल में, नफ़रत है रग रग में
सब ने डुबोया है मुझे, पार तुम उतार दो
प्यासी है ज़िंदगी तुम मुझे प्यार दो, तुम मुझे प्यार दो

ख़ुशी यहाँ थोड़ी सी और बहुत ग़म है, और बहुत ग़म है
ख़ुशी यहाँ थोड़ी सी और बहुत ग़म है
जितना भी प्यार मिले, उतना ही कम है
ग़म से भरे जीवन को प्यार से निखार दो
प्यासी है ज़िंदगी तुम मुझे प्यार दो, तुम मुझे प्यार दो
मेरी तमन्नाओं की तक़दीर तुम सँवार दो
प्यासी है ज़िंदगी तुम मुझे प्यार दो,तुम मुझे प्यार दो

Comments/Credits:

			 % Transliterator: K Vijay Kumar
% Contributor: Srinivas Ganti (Lata Version)
% Transliterator: Srinivas Ganti
% Date: June 28,2003
		     
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