maut kabhii bhii ... raat bhar kaa hai mehamaa.n a.Ndheraa
- Movie: Sone Ki Chidiya
- Singer(s): Mohammad Rafi, Asha Bhonsle
- Music Director: O P Nayyar
- Lyricist: Sahir Ludhianvi
- Actors/Actresses: Talat Mehmood, Nutan, Balraj Sahni
- Year/Decade: 1958, 1950s
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मौत कभी भी मिल सकती है लेकिन जीवन कल न मिलेगा
मरने वाले सोच समझ ले फिर तुझको ये पल न मिलेगा
( रात भर का है मेहमां अँधेरा
किसके रोके रुका है सवेरा ) -२
रात जितनी भी संगीन होगी
सुबह उतनी ही रंगीन होगी
ग़म न कर गर है बादल घनेरा
किसके रोके रुका है ...
लब पे शिकवा न ला अश्क़ पी ले
जिस तरह भी हो कुछ देर जी ले
अब उखड़ने को है ग़म का डेरा
किसके रोके रुका है ...
यूँ ही दुनिया में आ कर न जाना
सिर्फ़ आँसू बहाकर न जाना
मुसुराहट पे भी हक़ है तेरा
किसके रोके रुका है ...
( आ कोई मिल के तदबीर सोचें
सुख के सपनों की ताबीर सोचें ) -२
जो तेरा है वही ग़म है मेरा
किसके रोके रुका है ...