la.Dakii kyuu.N na jaane kyuu.N la.Dako.n sii nahii.n hotii
- Movie: Hum Tum
- Singer(s): Alka Yagnik, Shaan, Saif Ali Khan, Rani Mukherjee
- Music Director: Jatin, Lalit
- Lyricist: Prasoon Joshi
- Actors/Actresses: Rishi Kapoor, Saif Ali Khan, Abhishek Bachchan, Rani Mukherjee
- Year/Decade: 2004, 2000s
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श : लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती
सोचती है ज़्यादा, कम वो समझती है -२
दिल कुछ कहता है, कुछ और ही करती है
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती -२
सोचती है ज़्यादा, कम वो समझती है -२
दिल कुछ कहता है, कुछ और ही करती है
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती -२
प्यार उसे भी है मगर शुरूआत तुम्ही से चाहे
खुद में उलझी-उलझी है पर बालों को सुलझाये
i mean you're all the same,यार
हम अच्छे दोस्त हैं, पर उस नज़र से तुमको देखा नहीं
वो सब तो ठीक है पर उस बारे में मैंने सोचा नहीं
सब से अलग हो तुम ये कह के पास तुम्हारे आये
और कुछ दिन में तुम में अलग सा कुछ भी न उसको भाये
उफ़, ये कैसी shirtपहनते हो
ये कैसे बाल कटाते हो
गाड़ी तेज़ चलाते हो
तुम जळी में क्यूँ खाते हो
gimme a break!
तुम्हें बदलने को पास वो आती है
तुम्हें मिटाने को जाल बिछाती है
बातों-बातों में तुम्हें फंसाती है
पहले हँसाती है
फिर बड़ा रुलाती है
लड़की क्यूँ न जाने क्यूँ लड़कों सी नहीं होती -२
अ : ऐ इतना ही खुद से ख़ुश हो तो पीछे क्यूँ आते हो
फूल कभी तो हज़ार तोहफ़े आख़िर क्यूँ लाते हो
अपना नाम नहीं बताया आपने
क़ाॅफ़ी पीने चलेंगे?
मैं आपको घर छोड़ दूँ
फिर कब मिलेंगे?
बिखरा बिखरा बेमतलब सा टूटा फूटा जीना
और कहते हो अलग से हैं हम तान के अपना सीना
भीगा तौलिया कहीं फ़र्श पे
Toothpasteका ढक्कन कहीं
कल के मोज़े उलट के पहने
वक़्त का कुछ भी होश नहीं
जीने का तुमको ढंग सिखलाती है
तुम्हें जानवर से इन्साँ बनाती है
उसके बिना एक पल रह ना सकोगे तुम
उसको पता है ये कह ना सकोगे तुम
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं -२
श : जाने कौन-कौन से दिन वो तुमको याद दिलाये
प्यार को चाहें भूल भी जाये, तारीख़ें न भुलाये
first marchको नज़र मिलाई
चार aprilको मैं मिलने आई
इक्कीस mayको तुमने छुआ था
छः juneमुझे कुछ हुआ था
अ : लड़कों का क्या है किसी भी मोड़ पे वो मुड़ जायें
अभी किसी के हैं, अभी किसी और से वो जुड़ जायें
तुम्हारे mummy daddyघर पे नहीं हैं
great,मैं आ जाऊँ?
तुम्हारी friendअकेली घर जा रही है
बेचारी, मैं छोड़ आऊँ? उफ़!
श : एक हाँ कहने को कितना दहलाती है
थक जाते हैं हम वो जी बहलाती है
अ : वो शरमाती है, कभी छुपाती है
लड़की जो हाँ कह दे, उसे निभाती है
इसलिये लड़कियाँ लड़कों सी नहीं होतीं -२
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