Browse songs by

kyaa bataa_uu.N mohabbat hai kyaa

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


ल : क्या बताऊँ मोहब्बत है क्या -४
सीने में रह-रह के दर्द उठ रहा है -२
मगर आ रहा है मज़ा
क्या बताऊँ ...

मौसम तो हरदम बदलते रहे हैं -२
अरमान दिल के मचलते रहे हैं -२
क्या बात है छू के आँचल मेरा -२
भाग जाती है पागल हवा
क्या बताऊँ ...
र : क्या बताऊँ मोहब्बत है क्या -२

पहले भी तूफ़ान आते रहे हैं
बस्ती दिलों की मिटाते रहे हैं-२
कैसा ये तूफ़ान आते ही जिसके -२
नया इक जहाँ बस गया
क्या बताऊँ ...
ल : क्या बताऊँ ...

पहले भी थे चाँद-तारे गगन में -२
लेकिन हमेशा अँधेरा था मन में -२
वो मुस्कराए तो मन के अँधेरे में -२
जैसे दिया जल उठा
क्या बताऊँ ...

Comments/Credits:

			 % Credits: Ashok Dhareshwar
		     
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image