kisii kii shaam\-e\-saadagii sahar kaa ra.ng paa ga_ii
- Movie: Kalaam-E-Mohabbat (Non-Film)
- Singer(s): Ghulam Ali
- Music Director: Allahuddin Khan
- Lyricist: Sant Darshan Singh Ji Maharaj
- Actors/Actresses:
- Year/Decade: 1992, 1990s
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किसी की शाम-ए-सादगी सहर का रंग पा गई
सबा के पाँव थक गये मगर बहार आ गई
चमन की जश्न-गाह में उदासियाँ भी कम न थीं
जली जो कोई शम्म-ए-गुल कली का दिल बुझा गई
बुतान-ए-रंग-रंग से भरे थे बुतकदे मगर
तेरी अदा-ए-सादगी मेरी नज़र को भा गई
मेरी निगाह-ए-तिश्ना-लब की सर-ख़ुशी न पूछिये
के जब उठी निगाह-ए-नाज़ पी गई पिला गई
ख़िज़ा का दौर है मगर वो इस अदा से आये हैं
बहार 'दर्शन'-ए-हज़ीं की ज़िंदगी पे छा गई
