Browse songs by

khile jo phuul to mu.Nh chhip gayaa sitaaro.n kaa - - Ghulam Ali

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


खिले जो फूल तो मुँह छिप गया सितारों का
मिसाल-ए-अब्र चला कारवाँ बहारों का

न मुझसे पूच शब-ए-हिज्र दिल पे क्या गुज़री
ये देख हाल है क्या मेरे ग़म-गुसारों का

नई बहार लिये इक नया चमन खिल जाये
समझ सके कोई मतलब अगर इशारों का

शब-ए-सियाह के लम्हे गुज़ार लेने दो
घड़ी घड़ी न करो ज़िक्र माह-पारों का

हुआ न राह में घायल कोई शग़ूफ़ा भी
रवाँ रवाँ ही रगा क़ाफ़िला बहारों का

आज उन रास्तों पर तन्हाई की धूल उड़ती है
जो तेरे नक़्श-ए-कफ़-ए-पा से सजा करते थे

मुझे भी अहल-ए-जहाँ भूल जायेंगे 'शहज़ाद'
किसे ख़याल है डूबे हुये सितारों का

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image