Browse songs by

kachche ra.ng utar jaane do

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


कच्चे रंग उतर जाने दो
मौसम है गुज़र जाने दो

वो कब तक इन्तज़ार करती
कोहरे में खड़ा हुआ पुल तो नज़र आ रहा था
लेकिन उसके सिरे नज़र नहीं आते थे
कभी लगता उसके दोनों सिरे एक ही तरफ़ हैं
और कभी लगता इस पुल का कोई सिरा नहीं है
शाम बुझ रही थी और आने वाले की कोई आहट नहीं थी कहीं
नीचे बहता दरिया कह रहा था
आओ मेरे आग़ोश में आ जाओ
मैं तुम्हारी बदनामी के सारे दाग छुपा लूंगा
मट्टी के इस शरीर से बहुत खेल चुके
इस खिलौने के रंग अब उतरने लगे हैं

कच्चे रंग उतर जाने दो ...

नदी में इतना है पानी सब धुल जाएगा
मट्टी का टीला है ये घुल जाएगा
इतनी सी मट्टी है दरिया को बहना है
दरिया को बहने दो सारे रंग बिखर जाने दो

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image