Browse songs by

kab tak dil kii Kair manaaye.n - - Ghulam Ali

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


कब तक दिल की ख़ैर मनायें कब तक रह दिखलाओगे
कब तक चैन की मोहलत दोगे कब तक याद न आओगे

बीता दर्द उम्मीद का मौसम ख़ाक़ उड़ाती आँखों में
कब भेजोगे दर्द का बादल कब बरखा बरसाओगे

अहद-ए-वफ़ा और तर्क़-ए-मुहब्बत जो चाहो सो आप करो
अपने बस की बात ही क्या है हमसे क्या मनवाओगे

किसने वस्ल का सूरज देखा किस पर हिज्र की रात ढली
ग़ेसुओं वाले कौन थे क्या थे उनको क्या जतलाओगे

'फ़ैज़' दिलों के भाग में है घर बसना भी लुट जाना भी
तुम उस हुस्न के लुत्फ़-ओ-करम पर कितने दिन इतराओगे

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image