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ham terii lagan me.n magan bahut din bhaTake

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हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके

(दिल है कि नहीं आता है बहलाने में)-२
क्या जाने क्या हो गया ये अन्जाने में
ये खेल खेल में देख प्रेम के लटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके

मन में है कुछ मीठी मीठी तड़पन सी
बढ़ती जाती है छाती की धड़कन सी
दिल तोड़ न डाले प्रेम पंथ के झटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके

(लहरों में बहकर हो गये न्यारे न्यारे)-२
हम से नैय्य, नैय्य से दूर किनारे
अरमान न जाने कहान कहान जा भटके
दुख पाया हम ने नाम सनम का रट के
हम तेरी लगन में मगन बहुत दिन भटके

Comments/Credits:

			 % Transliterator:Srinivas Ganti
% Date:21 November, 2003
% Comments:LATAnjali series
% Credits: V S Rawat
		     
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