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ham chale watan kii or

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हम चले वतन की ओर -२
खींच रहा है
खींच रहा है कोई हमको
डाल के प्रेम की डोर
हम चले वतन की ओर
हम

( फूल खिले हैं नये-नये
और नई कोंपलें आईं ) -२
मस्त हवायें चलीं
डालियाँ झूम-झूउम लहराईं
नाच रहा है
नाच रहा है ताल-ताल पर
मस्ताना मन मोर
हम चले वतन की ओर -२

आज किसी की पूरी होगी
हँसेंगे आज किसी के नैना
रस टपकायेंगे कांओं में
किसी के मनुहर मीठे बैना
आज किसी के सुख सुहाग का -२
रहेगा ओर न छोर
हम चले वतन की
चले वतन की चले वतन की ओर
हम चले वतन की ओर

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			 % Song Courtesy: http://www.indianscreen.com
		     
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