Browse songs by

gulashan gulashan sholaa\-e\-gul kii zulf\-e\-sabaa kii baat chalii

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


गुलशन गुलशन शोला-ए-गुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली
हर्फ़-ए-जुनूँ की बन्द-ए-गिराँ की जुर्म-ओ-सज़ा की बात चली

ज़िंदाँ ज़िंदाँ शोर-ए-जुनूँ है मौसम-ए-गुल के आने से
महफ़िल महफ़िल अब के बरस हर बाग़-ए-वफ़ा की बात चली

अहद-ए-सितम है देखें हम आशुफ़्ता-सरों पर क्या गुज़रे
शहर में उसके बन्द-ए-कबा की रंग-ए-हिना की बात चली

एक हुआ दीवाना एक ने सर तेशे से फोड़ लिया
कैसे कैसे लोग थे जिनसे रस्म-ए-वफ़ा की बात चली

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image