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dil apanaa aur priit paraa_ii

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दिल अपना औ र्प्रीत पराई
किस ने है ये रीत बनाई
आँधी में एक दीप जलाया
और पानी में आग लगाई
दिल अपना ...

है दर्द ऐसा कि सहना है मुश्किल
दुनिया वालों से कहना है मुश्किल
घिर के आया है तूफ़ान ऐसा
बच के साहिल से रहना है मुश्किल
दिल अपना ...

दिल को सम्भाला न दामन बचाया
फैली जब आग तब होश आया
ग़म के मारे पुकारें किसे हम
हम से बिछड़ा हमारा भी साया
दिल अपना ...

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Nita
% Date: 17 February 2000
		     
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