Browse songs by

chalate ho to chaman ko chaliye - - Ghulam Ali

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


चलते हो तो चमन को चलिये कहते हैं के बहाराँ है
पात हरे हैं फूल खिले हैं कम कम बाद-ओ-बाराँ है

रंग हवा से यूँ टपके है जैसे शराब चुवाते हैं
आगे हो मैखाने के निकलो अहद-ए-बादगुसाराँ है

दिल है दाग़ी जिगर है टुकड़े आँसू थे सो ख़ून हुये
लोहू पानी एक करे ये इश्क़-ए-लाल-ओ-अजाराँ है

कोहकन-ओ-मजनू की ख़ातिर दश्त-ओ-कोह में हम न गये
इश्क़ में हमको 'मीर' निहायत पास-ए-इज़्ज़तदाराँ है

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image