Browse songs by

apanii ulfat pe ... to kitanaa achchhaa hotaa

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


मु : अपनी उल्फ़त पे ज़माने का न पहरा होता
तो कितना अच्छा होता -२
ल : प्यार की रात का कोई न सवेरा होता
तो कितना अच्छा होता -२
मु : अपनी उल्फ़त पे ...

पास आकर भी बहुत दूर बहुत दूर रहे
एक बन्धन में बँधे फिर भी तो मजबूर रहे
मेरी राहों में न उलझन का अँधेरा होता
तो कितना अच्छा होता -२

ल : दिल मिले आँख मिली प्यार न मिलने पाए
बाग़बाँ कहता है दो फूल न खिलने पाएँ
अपनी मंज़िल को जो काँटों ने न घेरा होता
तो कितना अच्छा होता -२

मु : अजब सुलगती हुई लकड़ियाँ हैं जग वाले
ल : मिलें तो आग उगल दें कटें तो धुआँ करें
दो : अपनी दुनिया में भी सुख चैन का फेरा होता
तो कितना अच्छा होता -२
अपनी उल्फ़त पे ...

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image