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ab kahaa.N jaae.n ki apanaa meharabaa.N koii nahii.n

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अब कहाँ जाएँ कि अपना मेहरबाँ कोई नहीं
तेरी दुनिया में हमारा पासबाँ कोई नहीं

लुट रहा है आशियाँ मेरी नज़र के सामने
और मैं ख़ामोश हूँ जैसे ज़बाँ कोई नहीं
अब कहाँ जाएँ ...

हसरतों के बाग़ में छा गयीं बरबादियाँ
फूल हैं, कलियाँ हैं, लेकिन आशियाँ कोई नहीं
तेरी दुनिया में हमारा पासबाँ कोई नहीं
अब कहाँ जाएँ

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Nimish Pachapurkar
% Date: 14 Jun 2003
% Series: LATAnjali
% generated using giitaayan
		     
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