Browse songs by

aaj koii nahii.n apanaa, kise Gam ye sunaae.n

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं
तड़प-तड़प कर, यूँ ही घुट-घुट कर
दिल करता है मर जाएं
आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं

(सुलग-सुलग कर दिन पिघले, दिन पिघले
आँसुओं में भीगी-भीगी रात ढले) -२
हर पल बिखरी तनहाइयों में
यादों की शमा मेरे दिल में जले
तुम ही बतला दो हमें
हम क्या जतन करें, ये शमा कैसे बुझाएं
आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं

(न हमसफ़र कोई न कारवां, न कारवां
ढूँढें कहाँ तेरे क़दमों के निशां) -२
जब से छूटा साथ हमारा
बन गई साँसें बोझ यहाँ
बिछड़ गए जो तुम
किस लिये माँगें हम, फिर जीने की दुआएं

आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं
तड़प-तड़प कर, यूँ ही घुट-घुट कर
दिल करता है मर जाएं
आज कोई नहीं अपना, किसे ग़म ये सुनाएं

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Rajiv Shridhar 
% Credits: Pradeep Dubey 
% Date: 10/24/1996
		     
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image