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aaj hai sagaa_ii

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स्त्री: आज है सगाई सुन लड़की के भई
ज़रा नाच के हमको दिखा
कुड़ी की तरह न शरमा
हाय, तू मेरी गल मान जा
हाँ, तू मेरी गल मान जा

पु : सब को नचाऊँ नच नच के दिखाऊँ
आ मुझ को गले से लगा
मुंडे से ज़रा आँख लड़ा
होय, तू मेरी गल मान जा
हाय, तू मेरी गल मान जा

ओ सोणिये ...

पु: सर पे सजा के सहरा बारात ले के आऊँ
दुल्हन तुझे बना के डोली में ले के जाऊँ
स्त्री: भोली समझ के मुझपे न डाल ऐसे दाने
शादी नहीं करूँगी जा मान जा दीवाने
पु: सुन अलबेली मेरी तन्हा अकेली
अब कटती नहीं रतियाँ
स्त्री: जा रे हरजाई चल छ्होड़ कलाई
सब देखती हैं सखियाँ
तू मेरी गल मान जा ...

स्त्री: कहती हैं मेरी सखियाँ दिल में है चोर तेरे
क्यों हाथ धो के ऐसे पीछे पड़ा है मेरे
पु: सखियों से अपनी कह दो के बीच में न आये
बन जायें मेरी साली जीजा मुझे बनायें
स्त्री: मैं न आऊँ तेरे संग तेरे अच्छे नहीं ढंग
न ऐसे बात बढ़ा
पु: मुझे करना तु तंग अब बन्द कर जंग
आ बन के दुल्हन घर आ
तू मेरी गल मान जा ...

Comments/Credits:

			 % Transliterator: K Vijay Kumar
		     
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