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aaj achaanak TuuT gaye kyo.n man viinaa ke taar

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आज अचानक टूट गये क्यों, मन वीना के तार
(मन वीना के तार)-४

घुमड़-घुमड़ कर घिर-घिर आई, दुःख की घोर घटायें
दिल कहता है मन ही मन में, घुट-घुट कर मर जायें
(अरमानों का जला बसेरा)-२
आँसू हैं लाचार
आँसू हैं लाचार रे
आँसू हैं लाचार
मन वीन के तार ...

लहरों में पतवार ? कर, मांझी का ? धारा
दूबी नैय्या,दूबी आशा, दूबा दूर किनारा
(किस से कहूँ मैं मेरे खेवैया ?)-२
ले चल नदिया पार
ले चल नदिया पार रे
मन वीना के तार ...

Comments/Credits:

			 % Transliterator:Srinivas Ganti
% Date:17 June 2001
% Comments:LATAnjali
		     
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