Browse songs by

aadhii raat ko ye duniyaa waale

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


आधी रात को ये दुनिया वाले जब ख़ाबों में खो जाते हैं
ऐसे में मुहब्बत के रोगी यादों के चराग़ जलाते हैं

करते हैं मुहब्बत सब ही मगर हर दिल को सिला कब मिलता है
आतीं हैं बहारें गुलशन में हर फूल मगर कब खिलता है

मैं राँझा न था तू हीर न थी हम अपना प्यार निभा न सके
यूँ प्यार के ख़्वाब बहुत देखे ताबीर मगर हम पा न सके

मैंने तो बहुत चाहा लेकिन तू रख ना सकी वादों का भरम
अब रह रह कर याद आता है जो तूने किया इस दिल पे सितम

पर्दा जो हटा दूँ चेहरे से तुझे लोग कहेंगे हरजाई
मजबूर हूँ मैं दिल के हाथों मन्ज़ूर नहीं तेरी रुस्वाई

सोचा है के अपने होंठों पर मैं चुप की मोहर लगा लूँगा
मैं तेरी सुलगती यादों से अब इस दिल को बहला लूँगा

View: Plain Text, हिंदी Unicode, image