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ye kalii jab talak phuul ban ke khile

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ल: ये कली जब तलक फूल बन के खिले,
इन्तज़ार, इन्तज़ार, इन्तज़ार करो, इन्तज़ार करो
रफ़ी: इन्तज़ार वो भला क्या करे, तुम जिसे
बेकरार, बेकरार, बेकरार करो,
ल: इन्तज़ार करो

म: प्यार में प्यार की भी इज़ाज़त नहीं -२
बेरुखी है अजी ये मुहौब्बत नहीं
ल: आ रहा है मज़ा, तुम शिकायत यही,
बार बार, बार बार, बार बार करो, इन्तज़ार करो

ल: हुस्न पे तो असर होने वाला नहीं -२
इश्क़ तुम को ना कर दे दीवाना कहीं
म: है ये दीवानगी भी क़ुबूल, तुम अगर
हमसे प्यार, हमसे प्यार, हमसे प्यार करो,
ल: इन्तज़ार करो

म: रोज़ हमने बयान ये फ़साना किया -२
रोज़ तुमने नया एक बहाना किया
ल: ये बहाना मगर, आखिरी है सनम
ऐतबार, ऐतबार, ऐतबार करो, इन्तज़ार करो

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Ravi Kant Rai (rrai@plains.nodak.edu)
		     
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