Browse songs by

sapane suhaane la.Dakapan ke

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


(सपने सुहाने लड़कपन के
मेरे नैनों में डोले बहार बन के ) - २

जब छाए घटा मतवाली, मेरे दिल पे चलाए आरी
घबराये अकेले मनवा, मैं लेके जवानी हारी
कैसे कटें दिन उलझन के
कोई लादे ज़माने वो बचपन के
सपने सुहाने ...

जब दूर पपीहा बोले, दिल खाये मेरा हिचकोले
मैं लाज में मर-मर जाऊँ, जब फूल पे भंवरा डोले
छेड़े पवनिया तराने जब मन के
मुझे भाये न रंग ये जीवन के
सपने सुहाने ...

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Anurag Shankar (anurag@astro.indiana.edu)
% Credits: Preetham Gopalaswamy (preetham@src.umd.edu)
		     
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image