Browse songs by

kahaa.N tak sunoge kahaa.N tak sunaa_uu.N

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


मुहब्बत का नग़मा है मैं नग़मागर हूँ
ये नामा किसी का है मैं नामाबर हूँ
पढूँ ख़त के मज़मूँ ज़ुबानी सुनाऊँ

हज़ारों ही शिकवे हैं क्या क्या बताऊँ

कहाँ तक सुनोगे, कहाँ तक सुनाऊँ
हज़ारों ही शिकवे हैं क्या क्या बताऊँ
कहाँ तक सुनोगे, कहाँ तक सुनाऊँ

हुज़ूर आप पर इक जहाँ की नज़र है
निगाह-ए-करम से भी मुझ को ये डर है
जहाँ की नज़र में कहीं आ ना जाऊँ
कहाँ तक सुनोगे ...

ज़माना हुआ है मुझे मुस्कुराए
मुहब्बत में क्या क्या ना सदमें उठाये
किसे याद रख्खूँ किसे भूल जाऊँ
कहाँ तक सुनोगे ...

Comments/Credits:

			 % Transliterator: Nimish Pachapurkar
% Comments: Noor-e-Tarannum Series #15
% Date: October 25, 2002
		     
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image