Browse songs by

alam par alam sitam par sitam

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैं
ज़माने की गरदिश के पीसे हुए हैं
मुक़द्दर के हथों मिटाए हुए हैं
अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैं

न हमदम है कोई न दम्साज़ कोई
न हम्दार्द कोई न हम्राज़ कोई
फ़क़त साथ है इक मुसीबत हमारे
कलेजे से उस को लगाए हुए हैं
अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैं

है क़िसमत जो उलटी, समझ भी है उलटी
निगाह भी है उलटी हर इक बात उलटी
नज़र आती है दुशमनी दोस्ती में
जहां भर को दुशमन बनाए हुए हैं
अलम पर अलम, सितम पर सितम
हम उठाए हुए हैं

Comments/Credits:

			 % Series: NOOR-E-TARANNUM #41
		     
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image