Browse songs by

aa.Nkho.n me.n mastii sharaab kii

Back to: main index
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image


आँखों में मस्ती शराब की
काली ज़ुल्फ़ों में आँहें शबाब की
जाने आई कहाँ से टूटके
मेरे दामन में पंखुड़ी गुलाब की
हाए, आँखों...

चांद का टुकड़ा कहूँ या, हुस्न की दुनिया कहूँ
प्रीत की सरगम कहूँ या, प्यार का सपना कहूँ
सोचता हूँ, क्या कहूँ, सोचता हूँ, क्या कहूँ
इस शोख़ को मैं क्या कहूँ
आँखों...

चाल कहती है न हो, पहली घटा बरसात की
हर अदा अपनी जगह, तारीफ़ हो किस बात की
आरज़ू कितने दिनों से, आरज़ू कितने दिनों से
थी हमें इस रात की
आँखों...

Comments/Credits:

			 % Credits: C. S. Sudarshana Bhat (cesaa129@utacnvx.uta.edu)
% Editor: Anurag Shankar (anurag@astro.indiana.edu)
		     
View: Plain Text, हिंदी Unicode, image